बेजुबां प्यार

प्यार एक अनुभूति है, एक एहसास है।

शब्दों में बयां करना पड़ता नहीं इसे, गर बोलते आपके जज़्बात है।

गर बिन बोले समझ जाएं वो मेरी हर अनकही को, मेरे लिए वो ही सच्चा प्यार है।

और प्यार में दिखावे की कतई जरूरत नहीं होती, जो करे इज़्जत और कद्र मेरी शख्सियत की, वो ही सच्चा यार है।

नैनों से बातें करने की कला सबको आती नहीं है।

चुपके से नज़रें चुराकर दीदार की उसकी आदत मुझे सबसे ज्यादा भाती है।

जब भी आँखे बंद करके माँगा तुम्हें, तुम सामने ही थे।

शायद समझते थे मेरी बंदिशों को इसलिए मेरी दुआओं में थे।

हाथ पकड़ कर साथ साथ चलना ही आशिकी नहीं है।

साथ निभाना एक दूसरे की मुश्किलों में ही असली चुनौती है।

प्यार एक अनुभूति है, एक एहसास है।

शब्दों में बयां करना पड़ता नहीं इसे, गर बोलते आपके जज़्बात है।

©®दीपिका

कविता को सुनने के लिए क्लिक करे इस लिंक पर।

https://youtu.be/5kZ9Tf4Q_Rc

तेरा मेरा रिश्ता

https://myaspiringhope.wordpress.com/2019/10/17/tera-mera-rishta/

तेरा मेरा साथ

https://myaspiringhope.wordpress.com/2019/11/27/tera-mera-sath/

35 thoughts on “बेजुबां प्यार

  1. क्या खूब। प्यार एक एहसास है। कुछ लफ्जो में बयां करना आसान नहीं। हर किसी की अपनी परिभाषा है। हर किसी का अपना ठंग है। जो इसे आजमाएं उन्हें पूछो किसी को प्यार करना या किसी का प्यार पाना ये कितनी खुशनसीबी की बात है।

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  2. Love is blind, dumb and deaf. Its only after you marry you sometimes have an eye opener. But the initial stages of love are sooooooo lovely and satisfying.

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  3. I loved it! So so so beautifully written Deepika! i read it aloud, to myself a few times, letting the words sink in 🙂

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