
वो जो थोड़ा सकुचाते है, कितना है प्यार उन्हें अपने बच्चों से, थोड़ा कम ही बताते है।
वो मेरे पापा है,जो थोड़ा कम ही जताते है….
किसी भी चीज़ की कमी ना होने पाएं उनके प्यारों को, इसके लिए जो सारी तकलीफ़ सह जाते है।
वो मेरे पापा है जो थोड़ा कम ही जताते है…
जबसे समझा, उनको जाना पाया कि कैसे अपने तन का ना करके अपने बच्चों को सुंदर पोशाकों से सजाते है।
वो मेरे पापा है, जो थोड़ा कम ही जताते है….
क्या चाहिए हमें, उसकी लिस्ट पहले बनवाते है, खुद के फटे जूतों की सुध भी जो ना ले पाते है।
वो मेरे पापा है, जो थोड़ा कम ही जताते है….
उनके लिए क्या लिखूँ, क्या कहूँ, शब्द ही काम पड़ जाते है, जो चुप रहकर अपनी चुप्पी से ही काफ़ी कुछ कह जाते है।
वो मेरे पापा है, जो थोड़ा कम ही जताते है।
©® दीपिकामिश्रा
Full video link👇