तू हारा नहीं है।

तो क्या हुआ, लक्ष्य बहुत दूर है?

तो क्या हुआ कि लगातार की हुई कोशिशें सफल नहीं हो रही है।

ये क्या कम काबिले तारीफ़ है कि तुमने हिम्मत नहीं हारी है

और तुम बिना रुके, लगे हुए हो अपनी कोशिशों को सफल बनाने में।

खुदपर ये विश्वास कि मैं कर जाऊँगा,अपनी हार को भी जीत में बदल पाऊँगा।

देता है एक विश्वास और एक भरोसा आगे बढ़ने का,

हार ना मानकर लगे रहने का।

यही जज्बा, यही विश्वास एक दिन तेरे काम आएगा और देखते ही देखते तू अपने लक्ष्य को पा जाएगा।

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