जिंदगी एक इम्तेहान!!

जिंदगी एक इम्तेहान..

जिंदगी हर कदम एक नया इम्तेहान लेती है,कभी फूलों का हार तो कभी काँटों की सेज देती है

।ये हम पर है कि क्या हम डर जाते है मुश्किलों का सामना करने से?

कभी खुद की कमजोरियों से और कभी औरों की चुनौतियों से।

ये भी सच है कि..बार बार किस्मत दरवाजे पर दस्तक दिया नहीं करती है,

जो गर तू खुद अपनी कद्र नहीं करती है तो औरों से अपेक्षा भी व्यर्थ ही रखती है।

कुछ चीजों को अब समय के साथ सीखना ही होगा..

खुद ही अपने मनोबल को ऊँचा करना होगा,

और हर छोटी बात को दिल पर लगाकर, व्यर्थ में समय गँवाने की आदत को भूलना होगा।

तभी एक आशा से भरी राह खुद के लिए खोज पाएंगे,

थोड़ा थोड़ा करके ही सही अपनी सफलता का घड़ा खुद अपने लिए भर पाएंगे

~~दीपिका

सपनों की उड़ान!

सपनों की उड़ान!

मैंने कहीं सुना था, सपने देखना बहुत जरूरी होता है।

बंद आँखों से ना सही, खुली आँखों से ही सही।

मैंने भी देखा है एक सपना।

उड़ान भरने का मेरी ख़्वाहिशों के साथ।

हाँ, ये है मेरी सपनों की उड़ान!

जहाँ मेरी उत्सुकता, मेरी सीखने की इच्छा मुझे ले आई है इस उन्मुक्त गगन में।

जहाँ मैं और मेरे सपने, खुशी से हिचकोले खा रहे है।

नज़र रखे हुए अपनी तैयारियों पर,

आगे बढ़ने की संभावनाओं और पहरेदारियों पर।

अब जब कदम आगे बढ़ा ही दिया है तो रुकने का तो सवाल ही पैदा नहीं होता।

चाहे आए कितनी भी मुश्किलें, पीछे मुड़ने का तो ख्याल ही पैदा नहीं होता।

मैंने कहीं सुना था, सपने देखना बहुत जरूरी होता है।

बंद आँखों से ना सही, खुली आँखों से ही सही।

मैंने भी देखा है एक सपना।

उड़ान भरने का मेरी ख़्वाहिशों के साथ।

©®दीपिका

सुकून की तलाश!

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नई सहर रोशनी वाली!

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वक़्त जो रुकता नहीं।

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प्यार की ताक़त!https://myaspiringhope.wordpress.com/2020/04/18/pyar-ki-taakat/

माँ की जादूगरी!https://myaspiringhope.wordpress.com/2020/04/17/maa-ki-jaadugari/

नज़रिये का फेर!https://myaspiringhope.wordpress.com/2020/04/16/nazariye-ka-pher/

मन की सुंदरता!https://myaspiringhope.wordpress.com/2020/04/15/man-ki-sundarta/

लम्हे जो बीत गए है।https://myaspiringhope.wordpress.com/2020/04/14/lamhe-jo-beet-gaye-hai/

बीते कल की परछाई!https://myaspiringhope.wordpress.com/2020/04/13/beete-kal-ki-parchaai/

जंग दिल और दिमाग की!https://myaspiringhope.wordpress.com/2020/04/11/jang-dil-aur-dimag-ki/

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गमों के बादल!https://myaspiringhope.wordpress.com/2020/04/08/gamo-ke-baadal/

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और भी दर्द है इस ज़माने में!https://myaspiringhope.wordpress.com/2020/04/04/aur-bhi-dard-hai-is-zamane-main/

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और भी दर्द है इस जमाने में।

चलिए आज बात करते है “बातें कुछ अनकही सी” में कुछ उस अनकहे दर्द के बारे में, जिसे कई बार हम समझ पाते है और कई बार जाने अनजाने अनसुना कर देते है अपनी ज़िंदगी की भाग दौड़ में।

भी दर्द है इस ज़माने में

खुदगर्ज़ी की इन्तेहाँ तो देखो, वो दर्द भी दिए जाते है और “बेकसूर” भी कहलाते है,

क्या करे अपना दर्द बयां?

और भी दर्द है इस जमाने में, चलो किसी बंद दरवाजें को ताज़ी हवा के लिए खोल के आते है।

पैबंद तो कई है आज भी उसकी पोशाक पर,

पर नज़रों के वार उसके वजूद को तार तार किए जाते है।

और भी दर्द है इस जमाने में, चलो किसी बंद दरवाजें को ताज़ी हवा के लिए खोल के आते है।

बहुत बड़ी तादाद है अभी भी ऐसे लोगों की, जो कि सिर्फ अपने दर्द को सबसे बड़ा पाते है।

किसी की टूटी चारपाई और किसी की घिसी चप्पलें उनका “हाल ए दर्द” छुपा भी नहीं पाते है।

क्या कहे और क्या नहीं, इतना अंतर भी अपनी मासूमियत में समझ भी नहीं पाते है,

और भी दर्द है इस जमाने में, चलो किसी बंद दरवाजें को ताज़ी हवा के लिए खोल के आते है।

खुद गर्ज़ इतने भी ना बने कि खुदगर्ज़ी खुद शर्म के चोले में छुप जाए।

कोई भूखा, कोई बीमार सिर्फ़ मदद की आस में हाथ फैलाता ही रह जाए।

चलो कुछ कम करने की कोशिश करते है ऊँच नीच के फ़ासलें को और आधी आधी बाँट कर खाते है।

और भी दर्द है इस जमाने में, चलो बंद दरवाजों को ताज़ी हवा के लिए खोल के आते है।

©®दीपिका

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https://anchor.fm/deepika-mishra/episodes/DuaayeBlessings-ec1mq3

क्या है ज़िंदगी?

कभी कुछ पाना और थोड़ा खोे देने का नाम है, ज़िंदगी।

तो कभी रूठना और कभी झट से मान जाने का नाम है, ज़िंदगी।।

कभी खिलखिला के हँसना और कभी छोटी बातों पर रो देने का नाम है, ज़िंदगी।

तो कभी आगे बढ़ना और कुछ पीछे छोड़ देने का नाम है, ज़िंदगी।।

कभी पहले लड़ने का और बाद में गलती पर पछताने का नाम है, ज़िंदगी।

तो कभी थोड़ा गुस्सा और कभी ढ़ेर सारा प्यार लुटाने का नाम है, ज़िंदगी।।

कभी खुद उलझ जाना और कभी दूसरों के मसले सुलझाने का नाम है, ज़िंदगी।

तो कभी “रंजिश ए गम” और कभी बेइंतेहा खुशियाँ लुटाने का नाम है, ज़िंदगी।।

कभी मनचाहा मिल जाना और कभी अनचाहे से पीछा छुड़ाने का नाम है, ज़िंदगी।

तो कभी खुद गुम हो जाना और कभी गैरों को गले लगाने का नाम है, ज़िंदगी।।

कभी उड़ती पतंग की तरह आसमां में उड़ने का और कभी कट कर ज़मीन पर गिर जाने का नाम है, ज़िंदगी।

तो कभी हिम्मत हार कर बैठ जाना और कभी दूसरे का हौंसला बढ़ाने का नाम है, ज़िंदगी।।

कभी तपती धूप और कभी ठंडी झाँव का नाम है, ज़िंदगी।

तो कभी फ़क़त जोश का और कभी सब कुछ बिखर जाने का नाम है, ज़िंदगी।।

कभी आँखें चुराना और कभी बाँहे फैला देने का नाम है,ज़िंदगी।

तो कभी मायूसी और कभी यूँ ही मुस्कुरा देने का नाम है, ज़िंदगी।।

ये ज़िंदगी है,कभी किसी का उधार नहीं रखती है।

जो भी मिलता है उसे, सूद समेत वापस कर देती है।।

https://myaspiringhope.wordpress.com/2019/12/28/jindagi-ko-jitana-hai/

©® दीपिका

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https://youtu.be/j0cbn7qYkUM

दिल छोटा ना कर!

यूँ ही बीत जाएगी ज़िंदगी, बेवजह की गलफतों में,
कुछ दिल्लगी में, कुछ दिल की लगी में।

खुशियों का खज़ाना अपने अन्दर ही है, हम बेवज़ह बाहर ढूंढते है।

क्यूँ देते है हम उन चीज़ों को तवज्जों, जो हमें अन्दर ही अन्दर तोड़ता है।

तू खुद ही खुद के लिए काफ़ी है, तू ऱब का बंदा है।

जो ना समझे कीमत तेरी, वो भूल है उसकी, दूसरों का दिल दुखाना उसका तो रोज़ का धंधा है।

लगा रहे तू अपनी कोशिशों में, दूसरों की परवाह न कर।
एक दिन मिल जाएगा तू भी अपनी मंजिल से, दिल छोटा ना कर।

©®दीपिका

https://anchor.fm/deepika-mishra/episodes/Dil-Chota-Na-Kar-eamg8g

https://myaspiringhope.wordpress.com/2019/11/15/housalo-ki-udaan/

हौंसलों की उड़ान

आधा फासला तय किया है अभी, आधा करना बाक़ी है।
तय की है दूरी ये भले ही लड़खड़ाते क़दमों से, पंखों की उड़ान तो अभी बाक़ी है।

आँखों से ओंझल है लक्ष्य और तूफानों का दौर है।
पर विश्वास ढिगा नहीं है बिल्कुल भी, जीतने की चाह अभी भी बाक़ी है।

जैसे खड़ी रहती है चट्टान हजारों चोटें सहने के बाद भी।
वैसे ही है हौंसलें की ताक़त मेरी, जो और मज़बूत हो जाती है हर नई चुनौती के साथ ही।

कठिन है सफ़र ये मेरा और ख्वाहिशों में रंग भरना बाक़ी है। ये तो बस अभी शुरुवात है, हौंसलों की उड़ान तो अभी बाक़ी है।

©®दीपिका

https://myaspiringhope.wordpress.com/2019/11/04/kyun-katnni-aur-karni-mein-itna-antar-hai/

ज़िन्दगी का सफ़र

ज़िंदगी का सफ़र यूँ ही रूंठते मनाते हुए गुजर जाएगा।

कुछ साथ रह जाएगा तो कुछ पीछे छूट जाएगा।

हम ढूंढते ही रह जायेगें उन बीते हुए लम्हों को,

लोग आगे बढ़ जायेगें और बस यादों का कारवाँ रह जायेगा।

यही वक़्त सही है गुफ़्तुगू का अपनों से, कुछ कहने का, कुछ सुनने का,

वरना बाद में तो सिर्फ़ सिफ़र का दीदार ही रह जायेगा।

छोटी सी ये ज़िन्दगानी है, पल झपकते ही गुज़र जाएगी।

हम अफ़सोस ही करते रह जायेगे और कई कहानियाँ अतीत में ही दफ़न हो जाएगी।

अधूरे सपने।

रंग वो होते है जो ज़िंदगी को खुशियों से भर दे।

रंग वो होते है जो रोते हुए को हँसने पर मजबूर कर दे।

पर क्या हो जब जीवन के रंग ही बदरंग हो जाए?

और हम बस हाथों में ब्रश लिए इंतज़ार करते रह जाए।

सुना था कहीं, कलाकार मन कभी मरता नहीं है।

फिर उठता है और कोशिश करता है।

आज फिर उसने नयी कोशिश की थी,

हाथों में यादों का पिटारा लिए, ज़िंदगी में रंग भरने निकली थी।

आज वो फिर हिम्मत करके अपने अधूरे सपनों को पूरा करने चली थी।

तू हारा नहीं है।

तो क्या हुआ, लक्ष्य बहुत दूर है?

तो क्या हुआ कि लगातार की हुई कोशिशें सफल नहीं हो रही है।

ये क्या कम काबिले तारीफ़ है कि तुमने हिम्मत नहीं हारी है

और तुम बिना रुके, लगे हुए हो अपनी कोशिशों को सफल बनाने में।

खुदपर ये विश्वास कि मैं कर जाऊँगा,अपनी हार को भी जीत में बदल पाऊँगा।

देता है एक विश्वास और एक भरोसा आगे बढ़ने का,

हार ना मानकर लगे रहने का।

यही जज्बा, यही विश्वास एक दिन तेरे काम आएगा और देखते ही देखते तू अपने लक्ष्य को पा जाएगा।

सौदा

हर काम बदले में कुछ पाने के लिए करना बेमानी है।

थोड़ा करना और जताना, जरुरी नहीं हर पहचान इनामी है।

कुछ लोग बिकते नहीं है बाज़ार में,

उनकी बोली लगाना सरेआम, क्या ये पैमाना इंसानी है?

दिल की आवाज़ देती कभी नहीं धोखा है,

हर चीज़ में सौदा करना और झुक जाना, फितरत नहीं ये गुलामी है।

निकलो बाहर, तोड़ो इन जंजीरों को,

सोचकर देखो पहलू दूसरे का भी।

तुम तकदीर वाले हो,शुक्रिया करो उस ऊपर वाले का,

मिला सब कुछ जो तुम्हें वो खानदानी हैं।

Regards & Gratitude,

Deepika

You can listen to the Poem Now.

https://youtu.be/ubxSZn-CHGE

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