ये जंग है दिल और दिमाग की, देखते है कि आखिर कौन जीतता है?
दिल और दिमाग के बीच कुछ मुद्दों को लेकर फर्क़ साफ़ साफ़ दिखाई देता है।
दिल बड़ी साफ़ गोही से सब कुछ कह देना चाहता है,
पर ये दिमाग है ना, बड़ा शातिर है, गोल गोल घुमाते रहना चाहता है।
लोग कहते है कि दिल से लिए फैसले अक्सर सही नहीं होते,
जो उठाते है फ़ायदा आपकी भावनाओं का, वो कतई विश्वास करने लायक नहीं होते।
कुछ ऐसे भी होते है जो हर चीज़ को दिमाग के तराजू से तोलते है,
अगर लगता है फायदे का सौदा तो ही किसी रिश्ते में आगे बढ़ते है।
ये जंग है दिल और दिमाग की, देखते है कि आखिर कौन जीतता है?
दिल और दिमाग के बीच कुछ मुद्दों को लेकर फर्क़ साफ़ साफ़ दिखता है।
मेरी नज़र में रिश्ते दिल से निभाए जाते है, ज्यादा दिमाग लगाने की जरूरत होती नहीं है।
गर महसूस कर सकते हो तकलीफ़ उसकी भी तो यही सच्ची कसौटी है।
कुछ रिश्तों को वक़्त के हवाले कर देना ही समझदारी होती है।
अगर अपने है तो लौट कर आएंगे वरना इंतज़ार करते करना एक मज़बूरी बन जाती है।
ये जंग है दिल और दिमाग की, देखते है कि आखिर कौन जीतता है?
दिल और दिमाग के बीच कुछ मुद्दों को लेकर फर्क़ साफ़ साफ़ दिखता है।
©® दीपिका
इंतज़ार अच्छे वक़्त का!
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हज़ारों बहाने जीने के!
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