तेरा मेरा साथ यूँ ही बना रहे, मैं तेरी हमराही, तू हमसाया यूँ ही बना रहे।
उबड़ खाबड़ पथरीले रास्तों पर, थांमें एक दूसरे का साथ, मैं तेेरी हमसफ़र, तू साथी मेरा बना रहे।
महज़ रिश्ता नहीं ये प्यार की डोर है, मैं तेरी सजनी, तू साजन यूँ ही बना रहे।
मैं महकूँ खुशबू से तेरी और घर उपवन सा सजा रहे।
लग जाए उम्र तुझे मेरी भी और दिन तुझे देख देख कर यूँ ही गुजरा करे।
ना जाने कैसा रिश्ता बनाया है ऱब ने ये, कि महज दूरी के एहसास से ही, दिल सुबक सुबक कर रोया करे।
तेरा मेरा साथ यूँ ही बना रहे, मैं तेरी हमराही, तू हमसाया यूँ ही बना रहे।
©®दीपिका
https://myaspiringhope.wordpress.com/2019/10/17/tera-mera-rishta/