कोशिशें

साँसें चल रही है तो उम्मीद अभी भी बाकी है।
हारी नहीं हूँ मैं, कोशिश अभी भी जारी है।

माना कि मुश्किलों भरी है राह मेरी और तूफानों का दौर है,
पर ढिगा नहीं है विश्वास मेरा, जंग अभी भी जारी है।

फिर उठूँगी गिर कर भी मैं, लड़खड़ाते क़दमों से भी,
कोई हो ना हो साथ मेरे पर ज़िन्दगानी अभी भी बाकी है।

भले ही जल गई हो लकड़ियाँ मेरे चूल्हे की,
पर उनकी राख अभी भी बाकी है।

जख्म हरे कर जाते है कुछ घाव पुराने भी,
आँखों में नमी हो भले ही पर होठों पर मुस्कान अभी भी बाकी है।

©®दीपिका

सुनिये पॉडकास्ट पर!

https://anchor.fm/deepika-mishra/episodes/Umeed-Abhi-Bhi-Baki-Hai-ebf502

कोशिशें

अभी तो बस शुरुआत की है, मंजिले कई तय करना बाकी है।

हार और जीत से फर्क पड़ता नहीं मुझे, कोशिशें चलती रहे इतना ही काफ़ी है।

टूटेगा हौंसला नहीं ये चाहे अब जोर जितना भी लगा,

ये भी देखना दिलचस्प है कि दिल और दिमाग की जंग में भारी किसका पलड़ा।

इतना तो इल्म है मुझे भी अपनी जमीं के बारे में कि कहाँ सूखा है और कहाँ पानी है।

जानकर भी अगर अनदेखा करूँ बेज़ा गलतियों को तो ये सबसे बड़ी नादानी है।

दिल और दिमाग का तालमेल बेहद जरुरी है मेरे लिए,

चालाकी से हासिल की गयी खुशियाँ बेमोल और बेमानी है।

धीरे धीरे ही सही पर सही राह की तरफ कदम बढ़ाना है।

जरुरी नहीं की जहाँ भीड़ ज्यादा हो उसी को ही अपनाना है।

कुछ राहों का पता मंजिल को खुद नहीं होता,

तकदीरें सवार देती है उन तस्वीरों को भी जिसमें कभी किसी ने रंग नहीं भरा होता।

Check here!

“Hindi poetry” (Bahane) Excuses!

https://myaspiringhope.wordpress.com/2019/06/19/bahane/