जिंदगी एक इम्तेहान..
जिंदगी हर कदम एक नया इम्तेहान लेती है,कभी फूलों का हार तो कभी काँटों की सेज देती है
।ये हम पर है कि क्या हम डर जाते है मुश्किलों का सामना करने से?
कभी खुद की कमजोरियों से और कभी औरों की चुनौतियों से।
ये भी सच है कि..बार बार किस्मत दरवाजे पर दस्तक दिया नहीं करती है,
जो गर तू खुद अपनी कद्र नहीं करती है तो औरों से अपेक्षा भी व्यर्थ ही रखती है।
कुछ चीजों को अब समय के साथ सीखना ही होगा..
खुद ही अपने मनोबल को ऊँचा करना होगा,
और हर छोटी बात को दिल पर लगाकर, व्यर्थ में समय गँवाने की आदत को भूलना होगा।
तभी एक आशा से भरी राह खुद के लिए खोज पाएंगे,
थोड़ा थोड़ा करके ही सही अपनी सफलता का घड़ा खुद अपने लिए भर पाएंगे।
~~दीपिका