Hello Friends!
I am here again with a Hindi poetry on Friends & Friendships.
Title of the poem is “Dost Teri Dosti”
Here it is,
कुछ दोस्त ऐसे होते है जो हौंसला टूटने नहीं देते।
बदली हुई फिज़ाओं में भी हाथ छूटने नहीं देते।
नीयत है बिल्कुल साफ़ उनकी, गिरने नहीं देंगे ऐ दोस्त तुझे।
कितनी भी मुश्किलें आये राह में लेकिन फिर भी कदम मिला कर चलेगे।
इतना ही हौंसला गिर के उठने के लिए काफ़ी है ऐ दोस्त!
शायद जो अपने भी न कर पाए वो तू कर रहा है मेरे दोस्त!
तुझे पता भी नहीं है, तेरी उम्मीदों की रोशनी तले एक और दिया जल रहा है।
तू खुद भी आगे बढ़ रहा है और तेरे पीछे पीछे तेरे रहनुमाओं का कारवां चल रहा है।
Thanks for reading!
Regards & Gratitude
Deepika