दौलत कमाना आसान है, दुआएं नहीं।
हम भर ले उड़ान कितनी ऊँची ही, पर रहना तो है इसी धरातल पर यही कहीं।।
पैसों का मोल देकर शायद इंसानियत अब भी खरीदी नहीं जा सकती।
सब कुछ खत्म हो जाएँ तो भी अंदर की रूहानियत इतनी आसानी से कहीं नहीं जाती।।
वो वही रहती है उसके अंदर, उसकी अंतरात्मा उसे कचोटती है।
क्यूं पड़ जाते है मोह माया के चुनाव में?
और वो रूह की अच्छाई कहीं दफ़न हो जाती है।
पर कोई नहीं, अच्छाई मरी नहीं है पूरी तरह से अभी भी लोगों में।
औरों के घर का दिया बुझाकर, खुद का चमन रोशन करने की कला हमें अभी भी नहीं आती है।
दौलत कमाना आसान है, दुआएं नहीं।
हम भर ले उड़ान कितनी ऊँची ही, पर रहना तो है इसी धरातल पर यही कहीं।।
©®दीपिका
https://myaspiringhope.wordpress.com/2019/11/04/khud-ki-suno/
बहोतख़ूब 👌👌👌
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बहुत शुक्रिया😊
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🙏
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True Deepika. It is so important to be grounded and humble. Rehna toh yahin hai…
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Yeah! And far away from such silly tricks to earn some extra bucks. Be human, be generous.
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खूबसूरत रचना 👌
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Thank you so much😊
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